Tuesday, August 29, 2017

दुनिया कर लो मुट्ठी में

दुनिया कर लो मुट्ठी में

एक जमाना वो था की अपने शहर से बाहर की हमें कोई खबर ही नहीं होती थी  -
एक आज का जमाना है की पूरी दुनिया की ख़बरें मोबाइल में समां जाती है. एक
वो जमाना था की छोटे छोटे शहरों के बच्चों के सामने अवसर नहीं होते थे -
आज पूरी दुनिया की सारी संभावनाएं मोबाइल के जरिये हर व्यक्ति के पास है.

भारत में ६१ करोड़ से ज्यादा  लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं और १००
करोड़ मोबाइल कनेक्शन हैं. ४५ करोड़ लोगों के पास मोबाइल में इंटरनेट की
सुविधा है. ये संख्या लगातार बढ़ रही है. मोबाइल के साथ ही नए प्रारूप के
व्यापार की शुरुआत हो गयी है जिसमे नयी पीढ़ी के लोगो को महारत हासिल है.
तकनीक के क्षेत्र में नए ज़माने के तरीके हमारी दुनिया बदल कर रख देंगे.
आज दुनिया के श्रेश्ठतम शिक्षण संस्थान इंटरनेट से अपनी पढ़ाई करवा रहे
हैं. गावों और छोटे छोटे शहरों में बैठे लोग दुनिया की सबसे बेहतरीन
शिक्षण संस्थाओं से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं - ये पढ़ाई सस्ती भी है और
श्रेश्ठतम शिक्षकों के द्वारा प्रदान की जा रही है.

रोजगार के नए अवसर आ रहे हैं. डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया
एडवरटाइजिंग, सोशल मीडिया पब्लिसिटी प्रचार - प्रसार के नए साधन के रूप
में उभर कर आ रहे हैं. नयी पीढ़ी के युवा इस क्षेत्र में बहुत आगे हैं. वो
कॉलेज के दिनों में अपनी वेबसाइट खोल कर अपने व्यापार की शुरुआत कर लेते
हैं और फिर उनकी तरक्की का कोई आदि-अंत नहीं है. मार्क जकरबर्ग भी ऐसे ही
एक वेबसाइट बना कर दुनिया भर के करोड़ों लोगो के अजीज हो गए और आज पूरी
दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावशाली व्यक्तियों में उनका नाम है. महज ३३
वर्ष की अल्पायु में वे आज कराबपति उद्यमी और करोड़ों लोगों को जोड़ने वाले
व्यक्ति बन गए हैं.

तकनीक लोगों की मदद करने के लिए है लेकिन इस तकनीक का सही इस्तेमाल हमारे
ऊपर निर्भर है. लोगों को आपस में जोड़ने में तकनीक बहुत मददगार हो सकती है
और आज इसकी बड़ी जरुरत भी है. आस पास जहाँ भी नजर दौड़ाता हूँ, भीड़ में
घिरे अकेलों को पाता हूँ. हर व्यक्ति इस कोशिश में है की किसी तरह उसको
चाहने वाले मिल जाएँ - पर किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता. लोग मिलते
हैं - पर हमज़ुबाँ नहीं मिलता. लोग ढूंढते रहते हैं हर तरफ - कही कोई ऐसा
मिल जाए की उनको एक सहारा और  जीने का मकसद मिल जाए. हर व्यक्ति सोशल
मीडिया के जरिये कुछ अपनों को ढूंढने में लगा है - जिसको भी देखो वो
मोबाइल पर अंगुलिया मारने में व्यस्त है - क्या पता कब किस को अपना महबूब
मिल जाए?

तकनीक, मोबाइल, इंटरनेट, लोगों को आबाद भी कर सकते हैं तो बर्बाद भी कर
सकते हैं. लोग इस के बेहतरीन इस्तेमाल से दुनिया में सफलता के अप्रतिम
शिखर को छू सकते हैं तो वो बर्बाद भी हो सकते हैं. आज इस का गलत इस्तेमाल
बहुत बढ़ रहा है (शायद हर नई तकनीक का शुरू में दुरूपयोग ही होता है लेकिन
बाद में उसके बेहतर इस्तेमाल का रास्ता निकलता है). आज सोशल मीडिया के
कारण लोग आपस में लड़ पड़ते हैं, धर्म और जातिगत समूह बना लेते हैं और बिना
बात के बतंगड़ शुरू कर लेते हैं. सोशल मीडिया के कारण लोग अपना सारा काम -
काज छोड़ कर सिर्फ चैटिंग करने में अपने समय को बर्बाद कर देते हैं. नयी
पीढ़ी हालांकि इस तकनीक को अच्छी तरह जानती है लेकिन इसके इस्तेमाल से
शिक्षा - प्रशिक्षण हासिल करने की जगह पर वो अपना सारा समय फिजूल में
बर्बाद कर देते हैं.

असल में हर तकनीक को इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में समुचित जानकारी
और प्रशिक्षणं जरुरी होता है. प्रशिक्षण के बिना व्यक्ति  तकनीक का
इस्तेमाल आपसी रंजिशों में कर सकता है लेकिन प्रशिक्षण से वह व्यक्ति ये
जान सकता है की तकनीक से वो अपने भविष्य को कैसे सुधार सकता है.

अपने से छोटों को मोबाइल पर चिपके हुए जब भी देखें तो उनसे पूछे की वो
क्या करते हैं? किस प्रकार के एप्प्स का इस्तेमाल करते हैं? उनसे पूछें
की वो मोबाइल से अपने विकास के लिए क्या कर रहे हैं या सिर्फ इसका
इस्तेमाल मनोरंजन के लिए करते हैं?

आज का युवा अपनी पढ़ाई और शिक्षा के लिए १०० रूपये भी खर्च करने से पहले
चार बार सोचता है लेकिन मोबाइल और इंटरनेट पर हर साल हजारों रूपये उड़ा
देता है. ये एक भेड़-चाल है, एक फैशन है, एक नशा है और एक खतरे की घंटी
है. मैं आपको पिछले ज़माने की और जाने के लिए नहीं कह रहा हूँ - क्योंकि
मैं भी जानता हूँ की आज का युवा मोबाइल और इंटरनेट के बिना नहीं रह सकता
है. लेकिन जरुरी है की युवाओं को मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल का ज्ञान
और समझ प्रदान की जाए. युवाओं को ही आगे आना पड़ेगा और नयी पीढ़ी को ये
समझाना पड़ेगा की मोबाइल और इंटरनेट के इस्तेमाल में संयम कैसे बरते और
किस प्रकार के कार्य सीखें.

मोबाइल और इंटरनेट के जरिये नयी पीढ़ी कमाल कर रही है. रोज कोई न कोई नया
सॉफ्टवेयर या नया पैकेज आ रहा है जो लोगों की जिंदगी आसान कर रहा है. नयी
पीढ़ी अपनी तकनीकी कुशलता के कारण इंटरनेट और मोबाइल क्रांति का लाभ उठा
पा रही है. नयी पीढ़ी इस कला  में दक्ष है.

मोबाइल और इंटरनेट ने व्यापार की दिशा और दशा को पूरी तरह से बदल दिया
है. नए ढंग से व्यापार हो रहा है. गावों में बैठे लोग इंटरनेट से अपने
सामान को पूरी दुनिया में बेच रहे हैं. भारत में इस प्रकार के व्यापार की
प्रचुर संभावनाएं है. आज -कल
विद्यार्थी अपने खाली समय में कोई नयी वेबसाइट बना लेते हैं और देखते ही
देखते वो वेबसाइट उन के लिए आज का जरिया बन जाता है. जो काम एक शौक के
रूप में शुरू होता है वो काम एक व्यवसाय के रूप में पल्लवित हो जाता है.
मार्क जकरबर्ग को देखिये - कॉलेज दिनों में पढाई के साथ वेबसाइट बनाने का
काम शुरू किया - और आज दुनिया के २५ करोड़ लोगों की पसंदीदा वेबसाइट बना
कर धनकुबेर बन गए हैं.

भारत में युवाओं को सिर्फ इतना सा सहारा चाहिए की कोई उनको उनकी राह दिखा
सके - उनको प्रोत्साहित कर सके, उनको इस नयी दुनिया में अपना पैर ज़माने
में मदद कर सके. सपनो को भी सहारा चाहिए. युवाओं को कदम कदम पर
मार्गदर्शन चाहिए. आज मार्क  जकरबर्ग जैसे लोगों की कहानियां आज बहुत
लोकप्रिय है और आज का युवा उनकी तरह सफल  उद्यमी बनना चाहता है. परन्तु
ये वो रास्ता है जिसमे फिसल  जाने की सम्भावना भी बहुत ज्यादा है. हमें
अपने लाडलों को सफल बनाना है और नई तकनीक का मालिक भी बनाना है लेकिन
लगातार उसकी तरक्की को भी देखना और समझना है. नयी पीढ़ी को आजादी भी देनी
है तो उसको इस योग्य भी बनाना है की तकनीक का इस्तेमाल वो दुनिया में अमन
और खुशियां फैलाने में करे. मोबाइल और इंटरनेट की ये दुनिया हमारा भविष्य
बदल देगी - लेकिन हमारे युवाओं को एक मजबूत मकसद दे दिया तो वे पूरी
दुनिया के लिए अमन और भाईचारे की दुनिया बना देंगे और मोबाइल - इंटरनेट
की इस दुनिया से न केवल धन-कुबेर बन जाएंगे बल्कि दुनिया के लिए एक
उम्मीद की किरण, एक नई तकनीक, एक बेहतर सुबह लाएंगे.

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