Wednesday, February 11, 2015

कैसे मिले थार के उद्योगों को एक नयी पहचान





थार मरुस्थल का प्रदेश कई मुश्किलों का प्रदेश है जैसे की गर्मी में यहाँ ज्यादा गर्मी और सर्दी में यहाँ ज्यादा ठण्ड पड़ती है. लेकिन कुछ मामलों में यहाँ की आबो हवा ही यहाँ के लिए वरदान  है. यहाँ का शुष्क वायुमंडल खाद्य उद्योग, लकड़ी पर आधारीत उद्योग, सिरेमिकस उद्योग आदि के लिए काफी लाभप्रद है. इस हेतु इस क्षेत्र में समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.   इस हेतु इन उद्योगों को एक क्लस्टर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.जब माइक्रो स्माल और मध्यम इंटरप्राइजेज विभाग की वेबसाइट देखते हैं तो बीकानेर का नाम दो इंडस्ट्रियल क्लस्टर के लिए आता है - एक है पापड़ व् नमकीन का और दूसरा है प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का. इन उद्योगों के क्लस्टर के रूप में विकास करने की प्रचुर संभावनाएं हैं अगर सरकार इस हेतु कुछ सार्थक पहल करे.  इन उद्योगों के लिए आवश्यक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर व् मार्केटिंग सेंटर भी सरकार को स्थापित करना चाहिए ताकि छोटे उद्यमी भी इसका फायदा उठा सकें. इन उद्योगों में अंतरास्ट्रीय बाजार में बहुत संभावनाएं हैं. इस हेतु यह जरुरी है की यहाँ के उद्यमियों को क्वालिटी मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया जाए. सरकार की एक योजना है की जो भी उद्यमी क्वालिटी मैनेजमेंट लागू करता है उसको ७५०००  या ७५% तक की सहायता दी जाती है. इस योजना के प्रभावी ढंग से लागू करने के  लिए यहाँ के उद्योग संगठन को साथ में जोड़ने की जरुरत है. यहाँ बनने वाले उत्पाद अगर अंतररस्तरीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे और इंटरनेट के जरिये ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर पाएंगे तो यहाँ के लोगों को प्रचुर रोजगार संभावनाएं मिल जाएंगी. 

उद्योग तभी विकास कर पाएंगे जब इस हेतु उनको आवश्यक कच्चा माल, ईंधन, श्रमिक और बाजार उपलभ्द होंगे. कई मामलों में सरकारी सहयोग जरुरी है. जैसे की सिरॅमिक्स उद्योग तभी प्रगति कर सकता है जब सरकार इस उद्योग हेतु गैस की पाइप लाइन तैयार करे ताकि इस उद्योग को सस्ता ईंधन मिल सके. खाद्य उद्योग तभी विकसित हो सकता है जब यहाँ अंतरास्ट्रीय स्तर की लेबोरेटरी और पैकेजिंग रिसर्च सेंटर हो. ये सब सुविद्याएँ सरकारी सहयोग से ही हो पाएगी. 

मरुस्थल में कार्य करने वाले प्रशिक्षत लोगों की भी कमी रहती है. दूर दराज से लोग यहाँ आ कर काम करना नहीं चाहते. यहाँ के लोगों को आवश्यक प्रशिक्षण की जरुरत है ताकि वे प्रशिक्षित हो कर यहाँ की जरुरत के अनुसार उद्योग शुरू कर सकें और यहाँ के उद्योगों में काम कर सकें. यहाँ ऐसे तकनीकी प्रशिक्षण संस्थाओं की जरुरत है जो यहाँ के लोगों को यहाँ के क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित कर सकें और उनको उद्योगों के साथ जोड़ सके. 


सारांश में मैं निम्न सुझाव प्रस्तुत करना चाहता हूँ : - 

१. मरुस्थल के क्षत्र में सरकार का उद्योग विभाग (जिला उद्योग केंद्र) इतना सक्षम हो की वो सभी सरकारी योजनावों (जैसे की क्वालिटी मैनेजमेंट की योजना ) को उद्यमियों को प्रदान कर सके. इस क्षेत्र में अंतररस्तरीय स्तर पर ब्रांडिंग और मार्केटिंग की प्रचुर सम्भावना है. इस हेतु सहयोग जरुरी है. 
२. इस क्षेत्र में ऐसी संस्थाओं की जरुरत है जो युवाओं को खाद्य उद्योग, सिरॅमिक्स उद्योग, और यहाँ के अन्य उद्योगों के लिए तैयार करे. ये संस्थाएं अगर उद्योगों के साथ मिल कर काम करे तो बेहतर होगा. 

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