Sunday, March 13, 2016

दोस्त बनाना भी एक कला है

दोस्त बनाना भी एक कला है 

(फ्रेंडशिप दिवस  विशेष)




डैल कार्नेगी की पुस्तक पूरी दुनिया में बिकती है क्योंकि वो दोस्त बनाने की कला की बात करते हैं. हर व्यक्ति, खास कर युवा वर्ग दोस्त बनाने और दोस्ती बनाये रखने की कला में पारंगत होना चाहते हैं. आज हम सब जानते हैं की हमारी दुनिया की खूबसूरती हमारे दोस्तों के कारण हैं. जिसके अच्छे दोस्त हैं उसको मुश्किल से मुश्किल वक्त में भी हंसने और खिलखिलाने का बहाना  मिल जाता है. अच्छे दोस्तों के होने से हमारी आधी से ज्यादा समस्याएं दूर हो जाती हैं. 

दोस्त बनाना कहाँ मुस्किल  है. आप अपने व्यवहार को अधिक से अधिक मिलनसार बनाइये और आपके दोस्तों की एक लबमी लिस्ट होगी. जिससे आपको भी फायदा मिलेगा और आपके दोस्तों को भी फायदा मिलेगा. 

अपने चहरे को थोड़ा कसरत करवाईये और थोड़ा मुस्कुराना सीखिये. 
अपने अंदर जोश, उत्साह, ऊर्जा और उमंग भर लीजिये और हर वक्त उत्साह और उमंग से भरे रहिये. हर व्यक्ति एक ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करना चाहता है जो उत्साह और उमंग से भरा हो. 
आशावादी और प्रोत्साहित करने वाले व्यक्ति से सब दोस्ती करना चाहते हैं और निराशावादी व्यक्ति से सब दूर रहना चाहते हैं. अगर आपने व्यवहार में आपको दूसरों की कमी निकालने की आदत नजर आ रही है तो उसको दूर करने का प्रयास करें. 
अपने व्यवहार में विनम्रता लाईये 
दूसरों के हित को तबज्जु दीजिये और उनके हित के लिए सोचिये 
आपके प्रयासों से दूसरों को फायदा हो सकता हो (बिना किसी को नुक्सान पहुचाये) तो उसके लिए प्रयास करिये 
अपने ईगो (घमंड) को थोड़ा कम करिये और थोड़ा झुकना भी सीखिये 
बहस और तू तू में में से बचिए और दूसरों के विचारों का सम्मान कीजिये 
कोई आपसे मदद मांगे और आप दे सकें तो उस के लिए प्रयास करिये 
प्रयास करिये की आप किसी की मदद कर सकें और उस को उसकी जरुरत के समय आप का साथ मिले सके 


दोस्त बनाने की कला एक ऐसी कला है जिसको सीखने के लिए पूरी दुनिया के लोग लालायित हैं. दोस्त बनाना आसान भी है. लेकिन दोस्ती निभाना बहुत मुश्किल है. कृष्ण - सुदामा की कहानी पढ़ना तो आसान है लेकिन जीवन में उतारना बहुत मुश्किल है. यह कहानी हमको एक प्रेरणा देती है की हम भी कृष्ण की तरह सुदामा से अनुराग कर सकें और उसको गले लगा सकें और जरुरत के समय उसके काम आ सकें. 

सावधानियां भी जरुरी है 
सिर्फ दोस्ती के लिए दोस्ती मत करिये. सिर्फ संख्या बढ़ाने पर मत जाइए. हर व्यक्ति से दोस्ती आप को नुक्सान भी पहुंचा सकती है. आप अपने लक्ष्य से भी भटक सकते हैं. दोस्ती करने में भी  सावधानी बरतीये. आज हर दूसरे युवक को हम नशे की गिरफ्त में पाते हैं. ये नशे की गिरफ्त इतनी भयानक है की हमारी अगली पीढ़ी को तबाह कर सकती है. दोस्ती की चाहत में अगर एक व्यक्ति  से संपर्क हो गया जो नशे की गिरफ्त में है तो समझो की जीवन का सत्यानाश हो गया. आज दोस्ती करने से पहले ये तहकीकात करना जरुरी है की दूसरे व्यक्ति की क्या आदतें हैं और क्या क्या आचार - विचार हैं. एक कटटरवादी व्यक्ति से दोस्ती करके आप अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं. आपको पता ही नहीं चलेगा कब आप कट्टरवादियों के चंगुल में फंस जाएंगे और कब आप अपने लक्ष्य से भटक जाएंगे. 

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