Thursday, December 10, 2015

ON ISLAND COUNTRIES

१०० वर्ष बाद क्या होगा इन टापुओं का ? 


(८ मई को विश्व समुद्र दिवस है. ८ जून को समुद्र दिवस की पूर्व संध्या पर  विशेष)

कल ८ मई को विश्व समुद्र दिवस पर हमें एक बार हमारी पृथ्वी पर बसे टापू द्वीपों की तरफ भी देखना चाहिए  क्योंकि जिस तरफ से पर्यावरण संकट गहरा रहा है सबसे ज्यादा खतरा टापुओं को है. आज हम सब अण्टीगुआ,  बारबुडा,  मालदीव्स,  सोलोमन  द्वीप समूह , बहमास  मार्शल  द्वीप समूह  संत  किट्स, नेविस ,बारबाडोस ,केप वेर्दे  मॉरिशस  संत  विन्सेंट , कोमोरोस  नॉरू  तिमोर -लेस्ते ,  डॉमिनिका  पलाऊ , टोंगा , फिजी  , पापुआ  नई  गिनी  त्रिनिदाद  और  टोबैगो , ग्रेनेडा  सामोआ , टवालू , जमैका  साओ  तोमे  एंड  प्रिंसिपे  वानातू , किरबाती , सेशल्स जैसे टापुओं के बारे में सुनते हैं. ये टापू बहुत सुंदर प्राकृतिक सम्पदा के मालिक हैं लेकिन इनका भविष्य खतरे में हैं. जिस तरह से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है उस तरह से तो यही लगता है की ये टापू अाने वाले समय में नहीं रहेंगे या वहां पर रहना बहुत मुश्किल हो जाएगा. कई टापू समुद्र में जा चुके हैं. 

ये टापू सिर्फ भू भाग ही नहीं यहाँ पर एक सभ्यता और संस्कृति की जीती जागती मिसाल है. अगर आप टापू के लोगों को इधर उधर हटा भी देंगे तो भी वो अद्भुत संस्कृति नहीं बचा पाएंगे. हर जगह के लोग अपनी जरुरत के अनुसार एक संस्कृति को तैयार करते हैं जो लोगों के मूल्यों और उनकी मान्यताओं को प्रदर्शित करती है. आने वाले समय में ये टापू नहीं रहेंगे तो इनकी अद्भुत संस्कृति को भी हम नहीं बचा पाएंगे. 

समुद्र सिर्फ पानी नहीं है. समुद्र में अनेक संसाधन, अनेक तरह के प्राणी भी रहते हैं. बढ़ते तापमान और बदलती जलवायु से उनके जीवन को भी खतरा है. समुद्री संसाधनों पर टापू में रहने वाले लोग निर्भर करते हैं. उनको समुद्रों की गहरी समझ होती है. लेकिन अब पाश्चात्य प्रभाव के कारण वे भी अपनी उस समझ को अगली पीढ़ी तक आगे बाँट नहीं पा रहे हैं. जैसे रेगिस्तान के लोग पानी की अद्भुत समझ रखते थे और बारिश के बारे में अनुमान (आज के मौसम विभाग से बेहतर) लगा सकते थे वैसे ही टापुओं के लोग समुद्र की रग रग जानते थे और हर लहर के साथ उसकी करवट को पहचान लेते थे और समुद्री जीवन को भी पहचानते थे. लेकिन ये ज्ञान अब समाप्त हो रहा है. 

आज फिर से जरूरत है की हम हमारी पृथ्वी की इस लुप्त होती अद्भुत सम्पदा यानी टापू पर नजर डाले और विकास के हमारे तरीके पर फिर से मनन करें.  

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