महिला सुरक्षा के लिए ठोस प्रयास
जरुरी है सब के लिए - आत्म रक्षा प्रशिक्षण
इसी गौरव मई भारत भूमि पर जहाँ इंसान तो क्या परिंदे भी निश्चिन्त हो कर जिया करते थे, जहाँ का जर्रा जर्राअहिंसा, जीवो और जीने दो जैसे आदर्शों के लिए जाना जाता था, आज हिंसा और अत्याचार बढ़ रहा है. दिल्ली जैसेखुशनुमा शहर महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. आज तो यह हालत है की दिल्ली पुलिस के पास रोज औसतन ४बलात्कार के मामले आ जाते हैं. १६ दिसंबर की दुखान्तिका ने सबको हिला के रख दिया है. आज पूरा देश १६ दिसंबरको निर्भया दिवस के रूप में मानाने के लिए तयारी कर रहा है. आज जरुरत है की हम हमारी शिक्षा व्यवस्था को फिरसे देखें और उसमे ऐसे पक्षों को मजबूत बनायें जो इस बदलते दौर में हमें मदद कर सकें.
आज हम सब मान रहें हैं की जहाँ जहाँ भी लड़कियां ज्यादा निडर व् प्रशिक्षित होती हैं, वहां वहां अपराध कम होते हैं.तो क्यों न हम हमारी शिक्षा व्यवस्था में आत्म-रक्षा के विषय पर जोर दे और इस हेतु प्रशिक्षण प्रदान करें.
आत्म-रक्षा प्रक्षिक्षण का उद्देश्य और प्रक्रिया :
जुडो, कराते , कुंफु, जूजीत्सू, ताइक्वांडो, पूमसाए जैसे अनेक ऐसे प्रशिक्षण हैं जो हमारे बच्चों को इतना मजबूतबना सकते हैं की वे आने वाले समय में किसी भी विपत्ति का सामना कर सकेंगे. इस प्रकार के प्रशिक्षण से शारीरिक दृढ़ता और मानसिक चेतना भी जागृत होगी और इससे आत्मविश्वास भी मजबूत बनेगा. इन सभी कलाओं मेंव्यक्ति को फुर्ती, गति व् तालमेल का इतना बेहतरीन प्रशिक्षण दिया जाता है की बिना किसी औजार के भी वहअपना बचाव कर सकता है. अगर बचपन से ही ये प्रशिक्षण दिए जाए तो ये मुश्किल भी नहीं होंगे और विद्यार्थीब्राउन बेल्ट या ब्लेक बेल्ट का दर्जा भी हासिल कर लेंगे. इन सभी कलाओं का व्यवस्थित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम औरप्रशिक्षक भी उपलब्ध हैं.
वर्ष २०१५ में हो कुछ ढोस शुरुआत
आज वर्ष २०१५ को महिला सुरक्षा वर्ष के रूप में मनाने की मांग उठी हुई है. अगर इस अवसर पर वर्ष २०१५ मेंआत्म-रक्षा प्रशिक्षण को हर स्कुल लागू कर दिया जाता है तो फिर ये कदम महिला सुरक्षा के लिए मील का पत्थरसाबित होंगे.
NCC
राष्ट्रीय क्रेडिट कोर के द्वारा विद्यार्थियों को देश सेवा और सैनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. जरुरी है कीइसका ढांचा इस प्रकार का हो की हर विद्यार्थी यह प्रशिक्षण प्राप्त करे. यह अभी एक विकल्प है जबकि जरूरत है कीइस प्रशिक्षण को अनिवार्य कर दिया जाए. इससे विद्यार्थियों में अनुशाशन, दमखम और हौसला बढ़ेगा.
कानून की जानकारी
आज हर व्यक्ति को कानून की जानकारी होनी चाहिए. हर लड़की को उसकी सुरक्षा के लिए उपयुक्त कानूनीप्रावधानों के बारे में बताया जाना चाहिए. इससे उनका आत्म-विशवास बढ़ेगा. हर स्कुल और कॉलेज को इस हेतुप्रयास करने चाहिए. मैंने इस हेतु एक शिक्षण संस्था में महिला एवं बाल विकास विभाग को आमंत्रित किया था.उनके उच्च अधिकारीयों ने इस हेतु बहुत ही विस्तृत जानकारी प्रदान की जससे शिक्षण संस्था में पढ़ने वाली छात्राओंको महत्वपूर्ण जानकारी मिली.
छात्राओं हेतु कॉमन रूम व् सुविधाएं
आज यह जरुरत आ गयी है की हर स्कुल और कॉलेज में छात्राओं हेतु अलग कामन रूम और सुविधाओं की व्यवस्थाहो अन्यथा उस स्कुल या कॉलेज को मान्यता न मिले
छात्राओं हेतु सुरक्षित यातायात व्यवस्था
आज यह जरुरत आ गयी है की हर स्कुल और कॉलेज में छात्राओं हेतु सुरक्षित यातायात की व्यवस्था हो, इस हेतुसार्वजानिक बसों और टैक्सी में महिला सुरक्षा कर्मी की नियुक्ति जरुरी हो ताकि यातायात में होने वाले अपराध रुकजाएँ. इस प्रकार से नियुक्त महिला कर्मियों को भी आत्म-रक्षा में व्यवस्थित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए.
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