Wednesday, December 31, 2014

रामराज्य के लिए मनाएं ये दिवाली 



दिवाली यानी प्रकाश यानी उम्मीद की एक रौशनी. दिवाली यानी हर तरफ आनंद, प्रेम, भाईचारा. दिवाली यानी रामराज्य - क्योंकि यह तो भगवान राम का सुशाशन चित्रण  है. दिवाली की असली खुशियां पठाखों और मिठाईयों से नहीं बल्कि देश में सकारात्मक सोच वाले लोगों को आगे लाना हैं. १००० फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट के बावजूद हमारे देश में ३ करोड़ से अधिक मामले न्यायालयों में विचाराधीन है. कहते हैं की देर से मिला न्याय न्याय नहीं होता. परन्तु हमारे देश की व्यवस्थाएं कौन सुधारें. आज पुरे देश में २४ हाई कोर्ट हैं. आज वक्त की जरुरत है की सरकार कोई भी और नया विभाग बनाने से पहले या कोई और प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले हमारे देश की न्याय व्यवस्था को सुधारे. जब तक यथोचित संख्या में न्यायाधीश नहीं होंगे - न्याय नहीं मिलेगा. जब तक न्याय, व्यवस्था, नैतिकता, सदाचार के प्रति फिर से विश्वास नहीं जगायेंगे तब तक विकास नहीं हो पायेगा. 

रामराज्य का अर्थ न्याय नैतिकता और व्यवस्था पर आधारित प्रशाशन.रामराज्य एक प्रतिक है एक बहुत ही न्यायप्रिय और त्यागी प्रशाशन का.  दिवाली रामराज्य के आह्वान का दिन है. कहते हैं की आप जिसकी दिल से ख्वाइश करते हो उसको पा कर रहते हो. सकारात्मक आशावादिता हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचा ही देती है. चलो सब मिल कर रामराज्य का आह्वान करें. क्या पता हम सब के आह्वान से रामराज्य वापस आजाये. आज भी हर हृदय में राम और रामराज्य का आदर्श मौजूद है. आज भी एक आदर्श व्यवस्था का चित्र हर भारतीय के मन में बसा हुआ है. 

कभी लोग बालदिवस मानते हैं, कभी लोग श्रम दिवस मानते हैं. लेकिंग अब असली जरुरत तो टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप पर जोर देने की है और रामराज्य की छह करने की है. रामराज्य तभी आ सकता है जब सरकार सिर्फ गिने चुने कार्य पर जोर देवे और पूरी तल्लीनता से अपने कार्य को अंजाम देवे. 

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